Friday, October 15, 2010

हार और जीत का खेल





कल शाम १९ वें कॉमनवेल्थ खेलों का समापन हुआ !जिस तरह खेलों का शानदार आगाज हुआ उसी तरह कलमाडी जैसे खिलाडी इसे भव्य अंजाम तक भी ले गए ! इन खेलों में भारत का जलवा दुनिया ने देखा ! उम्मीद से ज्यादा सोना भारत की झोली मे आया और हरियाणा के धुरंधरों ने इतिहास रचा !हरियाणा में ख़ुशी की लहर रही, ख़ुशी स्वाभाविक थी क्योंकि ये प्रदेश की गौरव -गाथा लिखने वाले खिलाडियों की उपलब्धि थी !हुड्डा साहब ने अपने किसी चहेते को बुलाकर इंटरव्यू दिया कि " ये हमारी खेल नीति का परिणाम है' चौटाला का बयान आया कि "कांग्रेस हमारे बोये क़ी फसल काट रही है" ! खिलाडियों के लिए बधाई घर जाकर दी जाने लगी !कुछ वीआई पी लोगों ने फैलेक्शी चुम्बन भी भेजे ! घोषणा हुई कि हरियाणा आने पर इन वीर सपूतों को जेब खोल कर धन और दिल खोलकर कर सम्मान दिया जायेगा !अगले दो एक दिन में कोई भव्य समारोह भी किसी राजनैतिक शहर मे देखने को मिले .......
जब कॉमनवेल्थ की जयगाथा लिखी जा रही थी तब छत्तीसगढ़ मे एक नक्सली हमले मे हरियाणा के दो जवान जिन्दगी की जंग हार गए ! सरकार ने मरने वाले जवानों के परिवार को एक लाख रुपये देने कि घोषणा की है ! खेल जीतने वालों के लिए तो नीति सरकार ने बना दी है जिन्दगी क़ी जंग हारने के लिए भी कोई नीति है..... नंबर वन हरियाणा क़ी सरकार के पास ...... है कोई नुस्खा जो उनके जख्मों पर मरहम लगा सके जहाँ एक बूढी माँ और एक विधवा बहू दरवाजे पर आँखों में आंसू लिए खडी है ................